Gunjan Kamal

Add To collaction

यादों के झरोखे से " बोली की चोट "

दोस्तों! कहते हैं कि बोली की चोट गोली से भी गहरी होती है। इसलिए  हमारे  शब्दों से किसी को चोट नही  पहुॅंचे इसका हमें  जरूर ध्यान रखना चाहिए । मान लेते हैं कि हम  किसी रस्सी को तोड़ देते हैं या किसी कारणवश वह रस्सी हमसे टूट जाती है । टूटी हुई रस्सी को जब हम वापिस से  जोड़ते हैं तों  उसमें एक गांठ  सी रह ही  जाती है । वों रस्सी पहले जैसी नहीं रहती इसलिए बोलने से पहले हमें  एक बार जरूर सोचना चाहिए कि भले ही  हमें  बहुत गुस्सा आ रहा हो लेकिन हमें  कुछ देर शांत रहने की कोशिश करनी चाहिए और  इसके परिणामों के बारे में  अवश्य सोचना चाहिए  और उसके बाद ही  कुछ बोलना चाहिए ।


दोस्तों! हम सब यह भी जानते हैं कि हमारी बोली ही हमें किसी की नजर में उठा सकती है और किसी की नजर में गिरा भी सकती है इसलिए हम सबको हमारी बोली को सोच-समझकर बोलना चाहिए ताकि हमारी बोली से किसी के दिल को चोट ना पहुंचे । शरीर की चोट के निशान धीरे - धीरे भर जातें हैं लेकिन दिल पर लगे चोट के निशान भरने में वर्षों का समय भी कम पड़ता है।


हम सभी के जीवन में ऐसा पल अवश्य आता है जब हम अपनी बोली पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और दूसरों के साथ - साथ अपनों का दिल इस तरह दुखाते हैं कि उसकी चोट वर्षों तक उनके दिल में तो रहती ही है, हम स्वयं भी  उस चोट के दर्द से अछूते नहीं रहते। गलती का एहसास होने के बाद हम उनसे माफी मांग भी  लेते हैं तब भी, जिस तरह कमान से निकला हुआ तीर वापस नहीं आ सकता उसी तरह हमारी जुबान से अपनों के लिए निकले हुए तीखे शब्द फिर से  उन्हें  बिना आहत किए हमारे पास वापस नहीं आ सकते हैं।


दोस्तों! हम सब के द्वारा जुबान से  बोले गए तीखे शब्द हमारे रिश्तो में ऐसे दरार डाल देते हैं जो जीवन पर्यंत हम भरने की कोशिश करते भी हैं तब भी उसे पूरी तरह भर नहीं पाते है क्योंकि यह चोट हमने उनके शरीर पर नहीं बल्कि उनकी आत्मा पर दिए होते हैं। २०२२ और उससे पहले भी मेरी यादों के झरोखों में ऐसे कई अविस्मरणीय पल है जिन्हें मैं चाह कर भी आज तक भूल नहीं पाई हूॅं। आज आप सबसे इस विषय में सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगी कि जिस तरह अब मैं सोचती हूॅं कि आगे से मैं अपनी वाणी पर नियंत्रण रखूंगी उसी तरह आप सभी भी यह ध्यान अवश्य रखें कि आप किसे और  क्या बोल रहे हैं?


दोस्तों! गुस्से और जल्दबाजी में बोला गया हर शब्द घातक होता है ऐसा मैंने अपने अब तक के जीवन के अनुभव से सीखा है और अब मेरी यही कोशिश रहती है कि जो गलतियां मैंने पूर्व में की है वैसी गलती मुझसे इस साल और आने वाले जीवन के सालों में भूलकर भी ना हो। आज यादों के झरोखों से अपनी एक सीख लेकर आप सभी के समक्ष उपस्थित हुई थी और आगे भी बहुत सारी ऐसी बातें लेकर आती रहूंगी जो मुझे अपने जीवन के अनुभवों ने सिखाया है। अभी के लिए इतना ही । फुर्सत मिलते ही फिर से मुलाकात होगी तब तक के लिए 👇

🤗🤗🤗 " आप सभी अपना ख्याल रखना और खुश रहना " 🤗🤗🤗



" गुॅंजन कमल " 💓💞💗


   21
11 Comments

Mahendra Bhatt

11-Dec-2022 09:44 AM

शानदार

Reply

Pranali shrivastava

10-Dec-2022 09:18 PM

शानदार

Reply

Prbhat kumar

07-Dec-2022 11:16 AM

बेहतरीन

Reply